Thursday, May 01, 2025
Follow us on
BREAKING NEWS
हरियाणा सरकार के 2912 कर्मचारी आज को सेवानिवृत्त (रिटायर)होंगेआशिमा बराड़ को गुरुग्राम, पी.सी. मीणा को बनाया नूंह जिले का प्रभारी चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बड़ा बयान,पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जल वितरण के संबंध में दिए गए बयान को आश्चर्यजनक बतायापंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार कर जनता को भ्रमित करने का यह प्रयास— नायब सिंह सैनीहरियाणा विस अध्यक्ष ने गठित की विधान सभा की 5 और कमेटियांआज अक्षय तृतिया के शुभ अवसर पर जिला बार एसोसिएशन पंचकूला के द्वारा भगवान श्री परशुराम जी का* *जन्मोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया गयाहमने 1965, 1971 और 1999 में कारगिल युद्ध देखा, हम आज भी तैयार : अनिल विजकनाडा: जगमीत सिंह ने एनडीपी नेता के पद से दिया इस्तीफा
National

गणतंत्र दिवस पर  आओ मिल कर प्रण  करे सबका साथ,सबका विश्वास महज एक नारा न रह कर भारत की असल पहचान बने  

January 26, 2021 10:07 AM

डॉ कमलेश कली 

गणतंत्र दिवस आता है तो सबसे पहले संविधान स्मृति में आता है और उसकी पहली पंक्ति "वी द पीपुल आफ इंडिया" "हम भारत के लोग " मिलकर इस संविधान को अपनाते हैं। आज जब इंडिया कहते हैं तो एक दम सामने  निरंतर बढ़ता सैंसेक्स और विश्व पटल पर पहचान बनाते युवा शक्ति सामने आ जाती है, भारत को देखते हैं तो पैदल चलते मजदूर, शांति पूर्वक विरोध करते किसान और कोरोना महामारी से बंद और मंद पड़े रोजगार और गोता खा औंधी पड़ी अर्थव्यवस्था  आंखों के सामने उभरती है।इस समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह सिंह के ये शब्द याद आते हैं"हमें यह बहस बंद करनी होगी कि हमारे देश के विकास से इंडिया को लाभ हुआ है, भारत को नहीं, इंडिया भारत ही तो है, इंडिया जो भी आज हैं उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि यह सब हमारी मातृभूमि की बदौलत ही है, समय आ गया है खुद से पूछने का कि अब हम अपनी मातृभूमि को क्या दे, इंडिया भारत को बनाने में आगे आए " कहने का अभिप्राय यह है कि अब वक्त आया है यह मत पूछो कि देश ने तुम्हारे लिए क्या किया, अपितु यह जवाब देश मांग रहा है कि तुमने देश के लिए क्या किया?
एक बार एक अमीर नौजवान अपनी नई गाड़ी में बैठ कर जा रहा था तो उसकी नजर वही पास खड़े किशोर पर पड़ी जो नई चमचमाती महंगी गाड़ी को अचंभित हो देख रहा था। गाड़ी चलाने वाले ने उस किशोर को अपने पास बुलाया और कहा चलो ,तुम भी मेरे साथ इस में बैठ जाओ और इसका मजा लो।वह बच्चा बहुत खुश हो गया और उससे गाड़ी की कीमत और माडल आदि के बारे में पूछने लगा।तब गाड़ी के मालिक ने बताया कि यह सुंदर गाड़ी उसके बड़े भाई ने उसे उपहार में दी है। बच्चा चुप हो जाता है और अपने ख्यालों में खो जाता है।यह देखकर गाड़ी चलाने वाला युवक उससे कहता है कि तुम यही सोच रहे हो ना कि काश ! मेरा भी ऐसा कोई  बड़ा भाई होता , जो इतना अमीर और उदार होता जो उसे भी इतनी बड़ी और महंगी गाड़ी उपहार में देता।तब वो किशोर बालक कहता है," नहीं मैं तो यह सोच रहा था कि कैसे मैं भी एक दिन बड़ा अमीर आदमी बनूं और अपने छोटे भाई को ऐसी गाड़ी उपहार में दे सकूं,मेरा छोटा भाई भी ऐसे खुश होगा जैसे कि आप प्रसन्न हो रहे हैं!" कितनी अद्भुत और उदार सोच और दातापन का अहसास उस बच्चे के मन में जागा। देने का भाव हमारे अंतर्मन को पुलकित और प्रफुल्लित कर देता है, देने में हम विस्तार को पाते हैं । आओ इस गणतंत्र दिवस पर अपने आप को और सर्व को एक व्यापक दृष्टिकोण दें जिसमें सब के उत्थान,सब के विकास के लिए कार्यरत हो। सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास महज एक नारा न रह कर भारत की असल पहचान बन जाएं।

Have something to say? Post your comment
More National News
कनाडा: जगमीत सिंह ने एनडीपी नेता के पद से दिया इस्तीफा लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा होंगे नए नॉर्दन आर्मी कमांडर केंद्र सरकार ने पहलगाम अटैक पर BBC की रिपोर्टिंग पर कड़ी आपत्ति जताई नेशनल हेराल्ड केस: ED ने राहुल, सोनिया और सैम पित्रोदा के खिलाफ शिकायत दर्ज की, आज होगी सुनवाई पहलगाम आतंकी हमला: आतंकी मकसद में कामयाब नहीं होंगे- प्रधानमंत्री मोदी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया पोप के निधन से दुख हुआ, वे करुणा-न्याय-शांति की वैश्विक आवाज थे: राहुल गांधी अस्पताल में भर्ती बंगाल के राज्यपाल CV आनंद से CM ममता ने की मुलाकात वक्फ संशोधन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई